४ फेब्रुअरी २०१७
हमारे सच्चे सपनो का स्वागत - जवाहर नवोदय विद्यालय यह एक संकलित विद्यालय है। भारत में या कही भी नवोदय विद्यालय, विद्यालय शिक्षा के इतिहास में विशिष्ट, अद्वितीय प्रयोग है । “राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 में विचार किया गया कि एक आवासीय विद्यालय की स्थापना की जाए जिसे जवाहर नवोदय विद्यालय कहा जाय जो ग्रामीण क्षेत्रों के बेहतरीन और होनहार प्रतिभाओ को आगे ला सके । जवाहर नवोदय विद्यालय भारत का एक विशिष्ट शैक्षणिक संस्थान है जो मुख्यता पिछड़े ग्रामीण क्षेत्रो के छात्र- छात्राओ को गुणवतापूर्ण शिक्षा प्रदान करता है ।
विद्यालय के लक्ष्यः
होनहार बच्चो कों अच्छी कोटि की आधुनिक शिक्षा प्रदान करना मुख्यता ग्रामीण क्षेत्रो के, आर्थिक स्थिति से कमजोर और अभावग्रस्त ।
जवाहर नवोदय विद्यालय के सभी छात्र – छात्राओ कों उचित स्तर की शिक्षा त्रिभाषायी सूत्र से प्रदान करना ।
प्रत्येक जिला में केंद्र बिन्दु की तरह कार्य करना और विद्यालय की शिक्षा में सुधार लाने के लिए अनुभव तथा सुविधाओ का आदान प्रदान करना ।
भारत तथा अन्यत्र कंही भी दी जाने वाली विद्यालयी शिक्षा के क्षेत्र में नवोदय विद्यालय प्रणाली एक अनूठा प्रयोग है । इस प्रयोग की महत्ता ग्रामीण प्रतिभाशाली बच्चो को लक्ष्य मानकर किये गए चयन तथा उन्हे उच्च कोटि की ऐसी शिक्षा उपलब्ध कराने में निहित है जो आवासीय विद्यालयों में दी जाने वाली श्रेष्ठ शिक्षा के तुलनीय है। ऐसे बच्चों को समाज के सभी वर्गों में, सबसे पिछड़े क्षेत्रों सहित सभी में पाया गया है ।
इस तरह की शिक्षा, ग्रामीण क्षेत्रों से छात्रों को उनके समान स्तर के शहरी समकक्षों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम करेगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 ने ग्रामीण प्रतिभा को अच्छे से बाहर लाने के लिये आवासीय विद्यालय, जो कि जवाहर नवोदय विद्यालय के नाम से जाने जाते हैं, की स्थापना की परिकल्पना की है।